रूस-यूक्रेन विवाद

 

रूस-यूक्रेन विवाद

दोनों देशों के बीच विवाद का तत्कालिक कारण

यूक्रेन में पुतिन को UN भी नहीं रोक पाएगा, जानिए उस वीटो पावर को जिसकी वजह से बाइडेन भी बेअसर

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में सेना भेज दी है। यूक्रेन के लुहांस्क और डोनेट्स्क प्रांत को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने के बाद पुतिन ने यह आदेश दिया है। इसे यूक्रेन पर हमला माना जा रहा है!

अमेरिका और फ्रांस समेत कई देशों ने रूस के इस फैसले के खिलाफ UNSC में आपात बैठक बुलाई है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी यूक्रेन में आगे बढ़ती रूस की सेना को रोक नहीं पा रहे हैं। क्योंकि रूस के पास भी वीटो पावर है।

ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या है UNSC?

वीटो पावर क्या है और रूस इसके जरिए कैसे बच रहा है?

सवाल 1 : क्या है संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UNSC और इसके कितने मेंबर हैं?

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UNSC संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है। यह UN की सबसे पावरफुल संस्था है।

इस पर अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने और संयुक्त राष्ट्र चार्टर में किसी भी बदलाव को मंजूरी देने की जिम्मेदारी है।

कुछ मामलों में UNSC अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखने या बहाल करने के लिए प्रतिबंध लगाने या बल उपयोग करने का सहारा ले सकती है!

 संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता हर महीने बदलती है और यह अंग्रेजी के अल्फाबेटिकल ऑर्डर में होता है। अभी रूस इसकी अध्यक्षता कर रहा है।

इसके पांच स्थायी मेंबर हैं। इनमें अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन है। इसके साथ ही हर दो साल के लिए 10 अस्थायी मेंबर्स को भी चुना जाता है।

भारत, ब्राजील, अल्बानिया, गैबॉन, घाना, आयरलैंड, केन्या, मैक्सिको, नॉर्वे, यूएई अभी UNSC के अस्थायी मेंबर हैं।

सवाल 2 : क्या होता है वीटो पावर और इसका इस्तेमाल कब होता है?

UNSC के 5 स्थायी सदस्यों को ही वीटो पावर मिला हुआ है। यह काफी अहम होता है। सुरक्षा परिषद बिना इन पांचों देशों की रजामंदी के कोई भी प्रस्ताव पारित या लागू नहीं कर सकती है। 5 में से कोई एक सदस्य भी इसका वीटो करता है तो यह प्रस्ताव खारिज हो जाएगा।

5 स्थायी देशों यानी अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन को यह वीटो पावर इस आधार पर दी गई है कि दुनिया की इन 5 बड़ी शक्तियों में से एक के असहमत होने पर शांति और सुरक्षा के मुद्दे पर सुरक्षा परिषद प्रस्ताव तो पारित कर लेगी लेकिन सच्चे अर्थों में इन्हें जमीन पर लागू नहीं कर पाएगी।

भारत, जापान और ब्राजील जैसे कई देश भी सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता यानी वीटो पावर की मांग कर रहे हैं।

सवाल 3: UNSC की मीटिंग कब और कैसे बुलाई जाती है?

किसी भी मसले को लेकर कोई भी देश सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने की मांग कर सकता है।

इसके बाद सदस्य देश यह तय करते हैं कि बैठक बुलाई जाए या नहीं।

UNSC में किसी भी मामले को लेकर दो तरह की मीटिंग बुलाई जाती है। पहली ओपन डिबेट और दूसरी क्लोज्ड डोर मीटिंग।

क्लोज्ड डोर बैठक सामान्य बैठक की तरह ही होती है। लेकिन आम लोगों के लिए यह नहीं होती है। इसमें सिर्फ 5 स्थायी मेंबर शामिल होते हैं।

मीडिया के लोगों को इस मीटिंग में शामिल नहीं किया जाता है। इसका रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है बल्कि एक आधिकारिक बयान जारी होता है।

वहीं ओपन डिबेट में सभी 15 मेंबर शामिल होते हैं। इसमें मीडिया के लोग भी भाग ले सकते हैं। इस दौरान सभी बयानों को जारी किया जाता है।

सवाल 4 : रूस के खिलाफ UNSC में बुलाई गई आपात बैठक में क्या हो सकता है?

रूस ने यूक्रेन के दो प्रांतों लुहांस्क और डोनेट्स्क को स्वतंत्र देश घोषित कर दिया है। इन पर अभी यूक्रेन के विद्रोहियों का कब्जा है। रूस के इस फैसले के खिलाफ फ्रांस ने UNSC की आपात बैठक बुलाई है।

रूस अभी UNSC की अध्यक्षता कर रहा है। रूस ने इस बैठक को ओपन डिबेट रखने के अमेरिकी आग्रह को भी स्वीकार कर लिया है।

हालांकि, अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन UNSC की इस बैठक के जरिए रूस के खिलाफ कुछ नहीं कर सकता है। क्योंकि स्थायी मेंबर होने के चलते रूस के पास वीटो पावर है। ऐसे में इन देशों की तरफ से रूस के खिलाफ आने वाले किसी भी प्रस्ताव के पारित होने की संभावना नहीं है।

इसका कारण है कि ऐसे किसी भी प्रस्ताव के खिलाफ रूस वीटो कर देगा। वीटो करने की स्थिति में वह प्रस्ताव पास नहीं हो सकेगा।

वहीं चीन भले ही मीटिंग में डिप्लोमैटिक बयान जारी कर रूस और यूक्रेन को बातचीत की सलाह दी है। लेकिन चीन भी ओपन डिबेट के दौरान किसी भी प्रस्ताव पर रूस का ही साथदेगा। 

©अनिल कुमार

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